असफलताए इंसान को तोड़ देती है,
जीवन की राहों को नया मोड़ देती है,
जो करते हैं, जी–जान से प्रयास पूरा,
असफलताएं उनका पीछा छोड़ देती है।
राह–ए–ज़िन्दगी में ऐसे मोड़ भी आते है,
सीधे रखे कदम भी डगमगा जाते है,
बहके कदमो को जो संभाल पाते है,
वो मुक़म्मल इंसान कहलाते है।
एक सपना जादू से हकीकत नहीं बन सकता,
इसमें पसीना, दर्द, संकल्प और कड़ी मेहनत लगती है,
पसीने की स्याही से जो लिखते हैं इरादें को,
उसके मुक्कद्दर के सफ़ेद पन्ने कभी कोरे नहीं होते।
मुश्किल इस दुनिया में कुछ भी नहीं,
फिर भी लोग अपने ईरादे तोड़ देते है,
अगर सच्चे दिल से हो चाहत कुछ पाने की,
तो सितारे भी अपने जगह छोड़ देते है।
मुश्किलें दिल के इरादें आज़माती है,
स्वप्ना के परदे निगाहों से हटाती है,
हौसला मत हार गिर कर वो मुसाफिर,
ठोकरें इंसान को चलना सिखाती है।
जिनमे अकेले चलने के हुनर होते है,
अंत में उनके पीछे काफिले होते है,
भंवर से लड़ो तुंद लहरों से उलझो,
कहाँ तक चलोगे किनारे–किनारे।
कुछ कर के दिखा दिया, की काम बहुत हैं,
इस जहाँ मैं जीतने वाले मुक़ाम बहुत हैं,
मुकम्मल शख्स वही जो दुनिया को बदल डाले,
रोज़ मर मिटने वाले नाम बहुत हैं।
Motivational Shayari
रहने दे आसमान ज़मीन की तलाश कर,
सब कुछ यही है ना कही और तलाश कर,
हर आरज़ू पूरी हो तो जीने का क्या मज़ा,
जीने के लिए बस एक कमी की तलाश कर।
हर जज्बात को जुबान नहीं मिलती,
हर आरजू को दुआ नहीं मिलती,
मुस्कान बनाये रखो तो साथ है दुनिया,
वर्ना आंसुओ को तो आंखो मे भी पनाह नहीं मिलती।
जो खो गया, उसके लिए रोया नहीं करते,
जो पा लिया, उसे खोया नहीं करते,
उनके ही सितारे चमकते हैं,
जो मजबूरियों का रोना रोया नहीं करते।
तेरे गिरने में तेरी हार नहीं,
तू आदमी है अवतार नहीं,
गिर, उठ, चल, दौड़, फिर भाग
क्योंकि जीत संक्षिप्त है इसका कोइ सार नहीं।
नजर–नजर में उतरना कमाल होता है,
नफ़स–नफ़स में बिखरना कमाल होता है,
बुलंदियों पे पहुंचना कोई कमाल नहीं,
बुलंदियों पे ठेहराना कमाल होता है।
पंख फैलाये हुए मोरे बहुत देखे हैं,
घन पर छाए घनघोर बहुत देखे है,
नदी कहती है समंदर से उमड़ना सीखो,
हमने बरसात के ये शोर बहुत देखे हैं।
तुम यहाँ धरती पे लकीरें खींचते हो,
हम वहां अपने लिए नए आसमान ढूँढ़ते हैं,
तुम बनाते जाते हो पिंजरे पे पिंजरा,
हम अपने पंखों में नयी उड़ान ढूँढ़ते हैं।
ना चिड़िया की कमाई है ना कारोबार कोइ,
मगर वो हौंसले से आबोदाना ढूंढ लेती है,
उठाती है जो खतरा हर कदम डूब जाने का,
वह कश्ती समुन्दर का किनारा ढूंढ लेती है।
खुल कर तारीफ भी किया करो,
दिल खोल हंस भी दिया करो,
क्यों बांध के खुद को रखते हो,
पंछी की तरह भी जिया करो।
सफर में धुप तो होगी जो चल सको तो चलो,
सभी हैं भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो,
किसी के वास्ते राहें कहाँ बदलती हैं,
तुम अपने आप को खुद ही बदल सको तो चलो।
किसी भी उम्मीद के बिना,
हमेशा सबका अच्छा करने की कोशिश करना,
क्योंकि किसी ने कहा है की, जो लोग फूल बेचते है,
उसके हाथों में खुश्बू रह ही जाती है।
अपने गमो की तू नुमाइश ना कर,
यूँ क़ुदरत से लड़ने की कोशिश ना कर,
जो हे कुदरत ने लिखा वो होकर रहेगा,
तू उसे बदलने की आजमाइश ना कर।
आज बादलों ने फिर साज़िश की,
जहा मेरा घर था वही बारिश की,
अगर फलक को ज़िद है बिजलियाँ गिराने की,
तो हमें भी ज़िद है वही पर आशियाँ बनाने की।
जो फकीरी मिजाज रखते हैं,
वह ठोकरों में ताज रखते हैं,
जिनको कल की फ़िक्र नहीं,
वह मुट्ठी में आज रखते हैं।
आसमां में मत ढूँढ अपने सपनों को,
सपनों के लिए तो ज़मीं जरूरी है,
सब कुछ मिल जाये तो जीने का क्या मजा,
जीने के लिए कुछ कमी भी तो जरूरी है।
सुख दुःख की धुप–छाँव से आगे निकल के देख,
इन ख्वाइशों के गाँव से आगे निकल के देख,
तूफ़ान क्या डुबोयेगा तेरी कश्ती को,
आंधी की हवाओं से आगे निकल के देख।
हालात के कदमों पे कलंदर नहीं गिरता,
टूटे भी जो तारा तो ज़मीन पर नहीं गिरता,
गिरते है समंदर में बड़े शौक से दरिया,
मगर कोइ समंदर कभी दरिया में नहीं गिरता।
दुःख–सुख की धुप–छाँव से आगे निकल गए,
हम ख्वाइशों के गावँ से आगे निकल गए,
तूफ़ान समझता था कि हम डूब जाएंगे,
आंधी में हम हवाओं से आगे निकल गए।
थकता भी है, चलता भी है,
कागज़ सा दुखो में गलत भी है,
गिरता भी है, संभलता भी है,
सपने फिर नए बुनता भी है।
यहां किसी को कोइ रास्ता नहीं देता,
मुझे गिरा के अगर तुम संभाल सको तो चलो,
कहीं नहीं कोइ सूरज धुंआ धुंआ है फ़िज़ा,
खुद अपने आप से बाहर निकल सको तो चलो।
शमा परवाने को जलना सिखाती है,
शाम सूरज को ढलना सिखाती है,
मुसाफिर को ठोकरों से होती तो हैं तकलीफें,
लेकिन ठोकरें ही एक मुसाफिर को चलना सिखाती हैं।
सफर की हद हैं वहां तक के कुछ निशान रहे,
चले चलो के जहाँ तक ये आसमान रहे,
ये क्या उठाये कदम और आ गई मंज़िल,
मज़ा तो जब हैं के पैरों मे कुछ थकान रहे।
मुश्किलें दिलों के इरादों को आज़माएगी,
आँखों के पर्दों को निगाहों से हटाएगी,
गिरकर भी हम को संभालना होगा,
ये ठोकरें ही हमको चलना सिखाएगी।
जीत की खातिर बस जूनून चाहिए,
जिसमें उबाल हो ऐसा खून चाहिए,
ये आसमान भी आ जाएगा ज़मीन पर,
बस इरादों में जीत की गूंज चाहिए।
मंज़िले पाना तो अभी बाकी है,
इरादों का असली इम्तिहान तो अभी बाकी है,
तोली है मुट्ठी भर जमीन अभी तो,
तोलना पूरा आसमान बाकी है।
साहिल पे पहुँचने से इंकार किसे है लेकिन,
तूफानों से लड़ने का मज़ा ही कुछ और है,
कहते है, की किस्मत खुदा लिखता है लेकिन,
उसे मिटा के खुद गढ़ने का मज़ा ही कुछ और है।
किस्मत तो पहले ही लिखी जा चुकी है,
तो कोशिश करने से क्या मिलेगा,
क्या पता किस्मत में लिखा हो,
की कोशिश से ही मिलेगा।
मंज़िल पर सफलता का निशान चाहिए,
होंठों पे खिलती हुई मुस्कान चाहिए,
बहलने वाले नहीं हम छोटे से टुकड़े से,
हमें तो पूरा का पूरा आसमान चाहिए।
खोल दे पंख मेरे, कहता है परिंदा, अभी और उड़ान बाकी है,
जमीन नहीं है मंज़िल मेरी, अभी पूरा आसमान बाकी है,
लहरों की खामोशी को समंदर की बेबसी मत समझ ए नादान,
जितनी गहराई अंदर है, बाहर उतना ही तूफ़ान बाकी है।
अगर सीखना है दिए से तो जलना नहीं, मुस्कुराना सीखो,
अगर सीखना है सूर्य से तो डूबना नहीं, उठना सीखो,
अगर पहुंचना हो शिखर पर तो राह पर चलना नहीं
राह का निर्माण सीखो।
ना कर तमन्ना ए दिल तू किसी को पाने की,
बड़ी बेदर्द निगाहे है इस ज़माने की,
खुद को बना ले काबिल तू अब इस कदर,
की रखें लोग तमन्ना सिर्फ तुझी को पाने की।
जो ना पूरा हो उसे अरमान कहते है,
जो ना बदले उसे ईमान कहते है,
ज़िन्दगी मुश्किलों में भले ही बीत जाये,
पर जो नहीं झुकता उसे इंसान कहते है।
इंतज़ार किस पल का किये जाते हो यारो,
प्यासों के पास समंदर नहीं आने वाला,
लगी है प्यास तो चलो रेत निचोड़ी जाये,
अपने हिस्से में समंदर नहीं आने वाला।
बेहतर से बेहतर की तलाश करो,
मिल जाये नदी तोह समंदर की तलाश करो,
टूट जाते हैं शीशे पत्थरों की चोट से,
तोड़ दे पत्थर ऐसे शीशे की तलाश करो।
हथेली पर रख कर नसीब
तू क्यों अपना मुकद्दर ढूंढता है,
सीख उस समंदर से जो टकराने
के लिए पत्थर ढूंढता है।
साहिल जो समझ ले मौजों को,
क्या खौफ उसे तुफानो से,
मर कर ही तो जीना है,
यह सिख लिया परवानो से।
हद–ए–शहर से निकली तो गाँव–गाँव चली,
कुछ यादे मेरे संग पांव–पांव चली,
सफर जो धुप का हुआ तो तजुर्बा हुआ,
वो ज़िंदगी ही क्या जो छावँ–छावँ चली।
नहीं चल पायेगा वह एक पग भी,
भले बैसाखियाँ सोने की दे दो,
सहारे की जिसे आदत पड़ी हो,
उसे हिम्मत खड़े होने की दे दो।
हवा में ताश का घर नहीं बनते,
रोने से बिगड़ा मुक़द्दर नहीं बनते,
दुनिया जितने का हौसला रख–ए–दोस्त,
एक जीत से कोई सिकंदर नहीं बनते।
आँख में पानी रखो, होंठो पे चिंगारी रखो,
ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो,
राह के पत्थर से बढ़के कुछ नहीं है मंजिले,
रास्ते आवाज़ देते है, सफर जारी रखो।
नज़र को बदलो तो नज़ारे बदल जाते है,
सोच को बदलो तो सितारे बदल जाते है,
कश्तिया बदल ने की जरुरत नहीं,
दिशा को बदलो तो किनारे खुद–ब–खुद बदल जाते है।
चमक सूरज की नहीं मेरे किरदार की है,
खबर ये आसमान के अखबार की है,
मैं चलूँ तो मेरे संग कारवां चले,
बात गुरूर की नहीं ऐतबार की है।
आज तेरे लिए वक़्त का इशारा है,
देखता ये जहां सारा है,
फिर भी तुझे रास्तों की तलाश है,
आज फिर तुझे मंज़िलो ने पुकारा है।
ऐसा नहीं की राह में रेहमत नहीं रही,
पैरों को तेरे चलने की आदत नहीं रही,
कश्ती हैं तो किनारा नहीं है दूर,
अगर तेरे इरादों में है बुलंदी बनी रही।
असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो,
क्या कमी रह गयी, देखो और सुधार करो,
कुछ किए बिना ही जय जयकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
मत सोच की तेरा सपना क्यों पूरा नहीं होता,
हिम्मत वालों का इरादा कभी अधूरा नहीं होता,
जिस इन्सान के करम अच्छे होते है,
उसके जीवन में कभी अँधेरा नहीं होता।
सबके लबो पर एक दिन तेरा ही नाम होगा,
हर कदम पे तेरे, दुनिया का सलाम होगा,
हर मुसीबत का सामना करना तू डट कर,
देखना समय एक दिन तेरा भी गुलाम होगा।
कहते हैं हर बात जुबान से हम इशारा नहीं करते,
आसमान पर चलने वाले ज़मीन से गुज़ारा नहीं करते,
हर हालात को बदलने की हिम्मत है हम में,
वक़्त का हर फैसला हम गंवारा नहीं करते।
मुस्कुराना मेरे दुखों पर छोड़ दे ऐ ज़माने,
मैं बुज़दिल नहीं हूँ जो तुफानो से डर जाऊं,
मौत लिखी है किस्मत में तो लड़कर मरूंगा,
इतना कायर नहीं की बातों से ही मर जाऊं।
यही जज़्बा रहा तो मुश्किलों का हल भी निकलेगा,
ज़मीं बंजर हुई तो क्या वही से जल भी निकलेगा,
ना मायूस हो ना घबरा अंधेरों से मेरे साथी,
इन्ही रातों के दामन से सुनहरा कल भी निकलेगा।
कर्म करो तो फल मिलता है,
आज नहीं तो कल मिलता है,
जितना गहरा अधिक कुआँ हो,
उतना मीठा जल मिलता है।
नन्ही सी चींटी जब दाना लेकर चलती है,
चढ़ती दीवारों पर सौ बार फिसलती है,
आखिर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।